Index Search for 'एतज्जानाम्यहं' |
Shloka: | एतज्जानाम्यहं कर्तुं भर्तृसंवननं महत् । असत्स्त्रीणां समाचारं नाहं कुर्यां न कामये ॥ |
Reference: | 3.38.222.0.57(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>द्रौपदी-सत्यभामासंवादपर्व>द्वाविंशत्यधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#57) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | द्रौपदी-सत्यभामासंवादपर्व |
Adhyaya: | द्वाविंशत्यधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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