Index Search for 'एतच्छ्रुत्वा' |
Shloka: | एतच्छ्रुत्वा द्रुपदो यज्ञसेनः सर्वं तत्त्वं मन्त्रविद्भ्यो निवेद्य । मन्त्रं राजा मन्त्रयामास राजन्यद्यद्युक्तं रक्षणे वै प्रजानाम् ॥ |
Reference: | 5.60.192.0.5(उद्योगपर्व>अम्बोपाख्यानपर्व>द्विनवत्यधिकशततमोऽध्यायः>श्लोक#5) |
Parva: | उद्योगपर्व |
Upaparva: | अम्बोपाख्यानपर्व |
Adhyaya: | द्विनवत्यधिकशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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