Index Search for 'एकीभूतास्ततो' |
Shloka: | ते समेत्य तथान्योन्यं संनाहान्विप्रमुच्य च ।एकीभूतास्ततो वीरा गन्धर्वाः सह पाण्डवैः । अपूजयेतामन्योन्यं चित्रसेनधनंजयौ ॥ |
Reference: | 3.39.237.0.15(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>घोषयात्रापर्व>सप्तत्रिंशदधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#15) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | घोषयात्रापर्व |
Adhyaya: | सप्तत्रिंशदधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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