Index Search for 'एकान्तमुन्नीय' |
Shloka: | ततएकान्तमुन्नीय मज्जयामास भारत । आजगाम तदा रैभ्यः स्वमाश्रममरिंदम ॥ |
Reference: | 3.33.137.0.5(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>तीर्थयात्रापर्व>सप्तत्रिंशदधिकशततमोऽध्यायः (137)>श्लोक#5) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | तीर्थयात्रापर्व |
Adhyaya: | सप्तत्रिंशदधिकशततमोऽध्यायः (137) |
Akhyana: | |
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