Index Search for 'ऋतुपर्णं' |
Shloka: | गत्वा सुदेव नगरीमयोध्यावासिनं नृपम् ।ऋतुपर्णं वचो ब्रूहि पतिमन्यं चिकीर्षती । आस्थास्यति पुनर्भैमी दमयन्ती स्वयंवरम् ॥ |
Reference: | 3.32.68.0.21(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>इन्द्रलोकाभिगमनपर्व>अष्टषष्ठितमोऽध्यायः (68)>श्लोक#21) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | इन्द्रलोकाभिगमनपर्व |
Adhyaya: | अष्टषष्ठितमोऽध्यायः (68) |
Akhyana: | |
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