Index Search for 'ऊर्ध्वमाचक्रमे' |
Shloka: | निहत्य गृध्रराजं स छिन्नाभ्रशिखरोपमम् ।ऊर्ध्वमाचक्रमे सीतां गृहीत्वाङ्केन राक्षसः ॥ |
Reference: | 3.42.263.0.6(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>द्रौपदीहरणपर्व>त्रिषष्ट्यधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#6) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | द्रौपदीहरणपर्व |
Adhyaya: | त्रिषष्ट्यधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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