Index Search for 'ऊरुणैकेन' |
Shloka: | तासामन्यतमा गर्भं भयाद्दाधार तैजसम् ।ऊरुणैकेन वामोरूर्भर्तुः कुलविवृद्धये । ददृशुर्ब्राह्मणीं तां ते दीप्यमानां स्वतेजसा ॥ |
Reference: | 1.11.169.6.20(आदिपर्व>चैत्ररथपर्व>एकोनसप्तत्यधिकशततमोऽध्यायः>और्वोपाख्यान>श्लोक#20) |
Parva: | आदिपर्व |
Upaparva: | चैत्ररथपर्व |
Adhyaya: | एकोनसप्तत्यधिकशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | और्वोपाख्यान |
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