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Shloka: | राजानऊचुः - राजधर्मगुणोपेताः सर्वधर्मगुणान्विताः । दौहित्रास्ते वयं राजन्दिवमारोह पार्थिवः ॥ |
Reference: | 5.54.120.11.18(उद्योगपर्व>भगवद्यानपर्व>विंशत्यधिकशततमोऽध्यायः (120)>गालवचरितम्>श्लोक#18) |
Parva: | उद्योगपर्व |
Upaparva: | भगवद्यानपर्व |
Adhyaya: | विंशत्यधिकशततमोऽध्यायः (120) |
Akhyana: | गालवचरितम् |
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