Index Search for 'इहोपयातुम्' |
Shloka: | प्राचीं राजा दक्षिणां भीमसेनो जयः प्रतीचीं यमजावुदीचीम् । मन्ये तु तेषां रथसत्तमानां कालोऽभितः प्राप्तइहोपयातुम् ॥ |
Reference: | 3.42.250.0.7(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>द्रौपदीहरणपर्व>पञ्चाशदधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#7) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | द्रौपदीहरणपर्व |
Adhyaya: | पञ्चाशदधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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