Index Search for 'इहैव' |
Shloka: | बाहुक उवाच -इहैव पुत्रौ निक्षिप्य नलस्याशुभकर्मणः । गतस्ततो यथाकामं नैष जानाति नैषधम् ॥ |
Reference: | 3.32.72.0.14(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>इन्द्रलोकाभिगमनपर्व>द्विसप्ततितमोऽध्यायः (72)>श्लोक#14) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | इन्द्रलोकाभिगमनपर्व |
Adhyaya: | द्विसप्ततितमोऽध्यायः (72) |
Akhyana: | |
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