Index Search for 'इह' |
Shloka: | इह यत्क्रियते कर्म तत्परत्रोपभुज्यते । कर्मभूमिरियं ब्रह्मन्फलभूमिरसौ मता ॥ |
Reference: | 3.41.247.0.35(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>व्रीहीद्रौणिकपर्व>सप्तचत्वारिंशदधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#35) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | व्रीहीद्रौणिकपर्व |
Adhyaya: | सप्तचत्वारिंशदधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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