Index Search for 'इवापरः' |
Shloka: | भ्राता मम सुहृच्चैव साक्षाद्धर्मइवापरः । तस्य स्मृत्वाद्य सुभृशं हृदयं दीर्यतीव मे ॥ |
Reference: | 3.29.7.0.4(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>आरण्यकपर्व>सप्तमोऽध्यायः (07)>श्लोक#4) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | आरण्यकपर्व |
Adhyaya: | सप्तमोऽध्यायः (07) |
Akhyana: | |
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