Index Search for 'इवापरः' |
Shloka: | सोऽस्त्रेण दग्ध्वा राजर्षिः कुवलाश्वो महासुरम् । सुरशत्रुममित्रघ्नस्त्रिलोकेशइवापरः । धुन्धुमार इति ख्यातो नाम्ना समभवत्ततः ॥ |
Reference: | 3.37.195.0.29(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>मार्कण्डेयसमस्यापर्व>पञ्चनवत्यधिकशततमोऽध्यायः>श्लोक#29) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | मार्कण्डेयसमस्यापर्व |
Adhyaya: | पञ्चनवत्यधिकशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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