Index Search for 'इव' |
Shloka: | अथ गर्भः स भित्त्वोरुं ब्राह्मण्या निर्जगाम ह । मुष्णन्दृष्टीः क्षत्रियाणां मध्याह्नइव भास्करः । ततश्चक्षुर्वियुक्तास्ते गिरिदुर्गेषु बभ्रमुः ॥ |
Reference: | 1.11.169.6.21(आदिपर्व>चैत्ररथपर्व>एकोनसप्तत्यधिकशततमोऽध्यायः>और्वोपाख्यान>श्लोक#21) |
Parva: | आदिपर्व |
Upaparva: | चैत्ररथपर्व |
Adhyaya: | एकोनसप्तत्यधिकशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | और्वोपाख्यान |
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