Index Search for 'इव' |
Shloka: | कुन्त्युवाच - सदश्वइव स क्षिप्तः प्रणुन्नो वाक्यसायकैः । तच्चकार तथा सर्वं यथावदनुशासनम् ॥ |
Reference: | 5.54.134.12.15(उद्योगपर्व>भगवद्यानपर्व>चतुस्त्रिंशदधिकशततमोऽध्यायः (134)>विदुरापुत्रानुशासनम्>श्लोक#15) |
Parva: | उद्योगपर्व |
Upaparva: | भगवद्यानपर्व |
Adhyaya: | चतुस्त्रिंशदधिकशततमोऽध्यायः (134) |
Akhyana: | विदुरापुत्रानुशासनम् |
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