Index Search for 'इव' |
Shloka: | शतं शतास्ते हरयस्तस्मिन्युक्ता महारथे । तदा मातलिना यत्ता व्यचरन्नल्पकाइव ॥ |
Reference: | 3.35.167.0.8(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>यक्षयुद्धपर्व>सप्तषष्ट्यधिकशततमोऽध्यायः>श्लोक#8) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | यक्षयुद्धपर्व |
Adhyaya: | सप्तषष्ट्यधिकशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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