Index Search for 'इमे' |
Shloka: | इमे त्वष्टादशान्ये वै ग्रहा मांसमधुप्रियाः । द्विपञ्चरात्रं तिष्ठन्ति सततं सूतिकागृहे ॥ |
Reference: | 3.37.219.0.35(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>मार्कण्डेयसमस्यापर्व>एकोनविंशत्यधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#35) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | मार्कण्डेयसमस्यापर्व |
Adhyaya: | एकोनविंशत्यधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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