Index Search for 'इमं' |
Shloka: | धन्योऽसि यस्य ते निद्रा कुम्भकर्णेयमीदृशी । यइमं दारुणं कालं न जानीषे महाभयम् ॥ |
Reference: | 3.42.270.0.22(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>द्रौपदीहरणपर्व>सप्तत्यधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#22) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | द्रौपदीहरणपर्व |
Adhyaya: | सप्तत्यधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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