Index Search for 'इन्द्रोऽब्रवीद्भवतु' |
Shloka: | इन्द्रोऽब्रवीद्भवतु भवानपां पतिर्यमः कुबेरश्च महाभिषेकम् । संप्राप्नुवन्त्वद्य सहैव तेन रिपुं जयामो नहुषं घोरदृष्टिम् ॥ |
Reference: | 5.49.16.10.31(उद्योगपर्व>उद्योगपर्व>षोडशोऽध्यायः (16)>इन्द्रविजयोपाख्यान>श्लोक#31) |
Parva: | उद्योगपर्व |
Upaparva: | उद्योगपर्व |
Adhyaya: | षोडशोऽध्यायः (16) |
Akhyana: | इन्द्रविजयोपाख्यान |
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