Index Search for 'इन्द्रियार्थाननुभवन्बुद्धिमाँल्लोकपूजितः' |
Shloka: | यक्ष उवाच -इन्द्रियार्थाननुभवन्बुद्धिमाँल्लोकपूजितः । संमतः सर्वभूतानामुच्छ्वसन्को न जीवति ॥ |
Reference: | 3.44.297.0.38(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>आरणेयपर्व >सप्तनवत्यधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#38) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | आरणेयपर्व |
Adhyaya: | सप्तनवत्यधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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