Index Search for 'इन्द्रस्य' |
Shloka: | जनमेजय उवाच - यत्तत्तदा महाब्रह्मँल्लोमशो वाक्यमब्रवीत् ।इन्द्रस्य वचनादेत्य पाण्डुपुत्रं युधिष्ठिरम् ॥ |
Reference: | 3.43.284.0.1(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>कुन्दलाहरणपर्व>चतुरशीत्यधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#1) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | कुन्दलाहरणपर्व |
Adhyaya: | चतुरशीत्यधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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