Index Search for 'इन्द्र' |
Shloka: | इन्द्र उवाच - चिकित्सकौ कर्मकरौ कामरूपसमन्वितौ । लोके चरन्तौ मर्त्यानां कथं सोममिहार्हतः ॥ |
Reference: | 3.33.124.0.12(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>तीर्थयात्रापर्व>चतुर्विंशत्यधिकशततमोऽध्यायः (124)>श्लोक#12) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | तीर्थयात्रापर्व |
Adhyaya: | चतुर्विंशत्यधिकशततमोऽध्यायः (124) |
Akhyana: | |
Search other sources: | search this word on other online resources
|