Index Search for 'इत्येवमुक्त्वा' |
Shloka: | इत्येवमुक्त्वा पुरुषप्रवीरस्तं राक्षसं क्रोधविवृत्तनेत्रः । प्रस्रस्तवस्त्राभरणं स्फुरन्तमुद्भ्रान्तचित्तं व्यसुमुत्ससर्ज ॥ |
Reference: | 3.30.12.0.67(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>किर्मीरवधपर्व>द्वादशोऽध्यायः (12)>श्लोक#67) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | किर्मीरवधपर्व |
Adhyaya: | द्वादशोऽध्यायः (12) |
Akhyana: | |
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