Index Search for 'इत्येवमुक्त्वा' |
Shloka: | वैशंपायन उवाच -इत्येवमुक्त्वा मैत्रेयः प्रातिष्ठत यथागतम् । किर्मीरवधसंविग्नो बहिर्दुर्योधनोऽगमत् ॥ |
Reference: | 3.29.11.0.39(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>आरण्यकपर्व>एकादशोऽध्यायः (11)>श्लोक#39) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | आरण्यकपर्व |
Adhyaya: | एकादशोऽध्यायः (11) |
Akhyana: | |
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