Index Search for 'इत्येवमुक्त्वा' |
Shloka: | इत्येवमुक्त्वा विविधैर्वादित्रैः सुमहास्वनैः । शयानमतिनिद्रालुं कुम्भकर्णमबोधयत् ॥ |
Reference: | 3.42.270.0.20(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>द्रौपदीहरणपर्व>सप्तत्यधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#20) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | द्रौपदीहरणपर्व |
Adhyaya: | सप्तत्यधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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