Index Search for 'इत्युक्त्वाजगरं' |
Shloka: | वैशंपायन उवाच -इत्युक्त्वाजगरं देहं त्यक्त्वा स नहुषो नृपः । दिव्यं वपुः समास्थाय गतस्त्रिदिवमेव ह ॥ |
Reference: | 3.36.178.0.45(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>आजगरपर्व>अष्टसप्तत्यधिकशततमोऽध्यायः>श्लोक#45) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | आजगरपर्व |
Adhyaya: | अष्टसप्तत्यधिकशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
Search other sources: | search this word on other online resources
|