Index Search for 'इत्युक्त्वा' |
Shloka: | वैशंपायन उवाच -इत्युक्त्वा स नृपः शोचन्निषसाद महीतले । तमध्यात्मरतिर्विद्वाञ्शौनको नाम वै द्विजः । योगे सांख्ये च कुशलो राजानमिदमब्रवीत् ॥ |
Reference: | 3.29.2.0.14(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>आरण्यकपर्व>द्वितीयोऽध्यायः (02)>श्लोक#14) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | आरण्यकपर्व |
Adhyaya: | द्वितीयोऽध्यायः (02) |
Akhyana: | |
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