Index Search for 'इत्युक्त्वा' |
Shloka: | वैशंपायन उवाच -इत्युक्त्वा प्रारुदत्कृष्णा भीमस्योरः समाश्रिता । भीमश्च तां परिष्वज्य महत्सान्त्वं प्रयुज्य च । कीचकं मनसागच्छत्सृक्किणी परिसंलिहन् ॥ |
Reference: | 4.46.20.0.34(विराटपर्व>कीचकवधपर्व>विंशोऽध्यायः (20)>श्लोक#34) |
Parva: | विराटपर्व |
Upaparva: | कीचकवधपर्व |
Adhyaya: | विंशोऽध्यायः (20) |
Akhyana: | |
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