Index Search for 'इत्युक्त्वा' |
Shloka: | इत्युक्त्वा तामनिन्द्याङ्गीं स राक्षसगणेश्वरः । तत्रैवान्तर्हितो भूत्वा जगामाभिमतां दिशम् ॥ |
Reference: | 3.42.265.0.29(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>द्रौपदीहरणपर्व>पञ्चषष्ट्यधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#29) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | द्रौपदीहरणपर्व |
Adhyaya: | पञ्चषष्ट्यधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
Search other sources: | search this word on other online resources
|