Index Search for 'इत्युक्त्वा' |
Shloka: | अनेन वाससाच्छन्नः स्वरूपं प्रतिपत्स्यसे ।इत्युक्त्वा प्रददावस्मै दिव्यं वासोयुगं तदा ॥ |
Reference: | 3.32.63.0.23(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>इन्द्रलोकाभिगमनपर्व>त्रिषष्ठितमोऽध्यायः (63)>श्लोक#23) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | इन्द्रलोकाभिगमनपर्व |
Adhyaya: | त्रिषष्ठितमोऽध्यायः (63) |
Akhyana: | |
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