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Shloka: | इत्युक्ते भीमसेनेन ब्राह्मणाः परमाशिषः । प्रयुज्यापृच्छ्य भरतान्यथास्वान्स्वान्ययुर्गृहान् ॥ |
Reference: | 3.44.299.0.25(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>आरणेयपर्व >एकोनत्रिशततमोऽध्यायः>श्लोक#25) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | आरणेयपर्व |
Adhyaya: | एकोनत्रिशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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