Index Search for 'इत्याह' |
Shloka: | वयं चैवं भ्रातरः सर्व एव त्वया जिताः कालमपास्य भोगान् । वसेमइत्याह पुरा स राजा मध्ये कुरूणां स मयोक्तस्तथेति ॥ |
Reference: | 3.31.35.0.11(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>कैरातपर्व>पञ्चत्रिंशोऽध्यायः (35)>श्लोक#11) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | कैरातपर्व |
Adhyaya: | पञ्चत्रिंशोऽध्यायः (35) |
Akhyana: | |
Search other sources: | search this word on other online resources
|