Index Search for 'इति' |
Shloka: | अयं तस्याः पतिर्नूनं विहितो ब्रह्मणा स्वयम् ।इति चिन्त्यानयामास देवसेनां स्वलंकृताम् ॥ |
Reference: | 3.37.218.0.43(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>मार्कण्डेयसमस्यापर्व>अष्टादशाधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#43) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | मार्कण्डेयसमस्यापर्व |
Adhyaya: | अष्टादशाधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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