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Shloka: | ययातिरुवाच - सुरर्षिगन्धर्वनरावमानात्क्षयं गता मे यदि शक्र लोकाः ।इच्छेयं वै सुरलोकाद्विहीनः सतां मध्ये पतितुं देवराज ॥ |
Reference: | 1.7.83.3.4(आदिपर्व>संभवपर्व>त्र्यशीतितमोऽध्यायः (83)>उत्तरयायातम्>श्लोक#4) |
Parva: | आदिपर्व |
Upaparva: | संभवपर्व |
Adhyaya: | त्र्यशीतितमोऽध्यायः (83) |
Akhyana: | उत्तरयायातम् |
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