Index Search for 'इच्छाम्यहं' |
Shloka: | गच्छामि तस्यान्तिकमेव तात का नाम सा व्रतचर्या च तस्य ।इच्छाम्यहं चरितुं तेन सार्धं यथा तपः स चरत्युग्रकर्मा ॥ |
Reference: | 3.33.112.0.18(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>तीर्थयात्रापर्व>द्वादशाधिकशततमोऽध्यायः (112)>श्लोक#18) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | तीर्थयात्रापर्व |
Adhyaya: | द्वादशाधिकशततमोऽध्यायः (112) |
Akhyana: | |
Search other sources: | search this word on other online resources
|