Index Search for 'इक्ष्वाकुः' |
Shloka: | यथा स राजाइक्ष्वाकुः कुवलाश्वो महीपतिः । धुन्धुमारत्वमगमत्तच्छृणुष्व महीपते ॥ |
Reference: | 3.37.192.0.7(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>मार्कण्डेयसमस्यापर्व>द्विनवत्यधिकशततमोऽध्यायः>श्लोक#7) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | मार्कण्डेयसमस्यापर्व |
Adhyaya: | द्विनवत्यधिकशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
Search other sources: | search this word on other online resources
|