Index Search for 'आह्वयत्' |
Shloka: | वैशंपायन उवाच - ततः संजीवनीम् विद्याम् प्रयुज्य कचम्आह्वयत् । आहूतः प्रादुरभवत् कच अरिष्टः अथ विद्यया । हतः अहम् इति च आचख्यौ पृष्टः ब्राह्मण-कन्यया ॥ |
Reference: | 1.7.71.2.31(आदिपर्व>संभवपर्व>एकसप्ततितमोऽध्यायः (71)>ययात्युपाख्यान>श्लोक#31) |
Parva: | आदिपर्व |
Upaparva: | संभवपर्व |
Adhyaya: | एकसप्ततितमोऽध्यायः (71) |
Akhyana: | ययात्युपाख्यान |
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