Index Search for 'आस्स्व' |
Shloka: | अभ्यन्तरं शरीरं मे प्रविश्य मुनिसत्तम ।आस्स्व भो विहितो वासः प्रसादस्ते कृतो मया ॥ |
Reference: | 3.37.186.0.89(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>मार्कण्डेयसमस्यापर्व>षडशीत्यधिकशततमोऽध्यायः>श्लोक#89) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | मार्कण्डेयसमस्यापर्व |
Adhyaya: | षडशीत्यधिकशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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