Index Search for 'आस्तरत्' |
Shloka: | ज्वलन्तम् अग्निम् तम् अमित्रतापनः सम्आस्तरत् पत्ररथः नदीभिः । ततः प्रचक्रे वपुः अन्यत् अल्पम् प्रवेष्टुकामः अग्निम् अभिप्रशाम्य ॥ |
Reference: | 1.5.28.0.25(आदिपर्व>आस्तीकपर्व>अष्टाविंशोऽध्यायः (28)>श्लोक#25) |
Parva: | आदिपर्व |
Upaparva: | आस्तीकपर्व |
Adhyaya: | अष्टाविंशोऽध्यायः (28) |
Akhyana: | |
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