Index Search for 'आसेदुरत्यर्थमनोरमं' |
Shloka: | ते दुर्गवासं बहुधा निरुष्य व्यतीत्य कैलासमचिन्त्यरूपम् ।आसेदुरत्यर्थमनोरमं वै तमाश्रमाग्र्यं वृषपर्वणस्ते ॥ |
Reference: | 3.36.174.0.6(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>आजगरपर्व>चतुःसप्तत्यधिकशततमोऽध्यायः>श्लोक#6) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | आजगरपर्व |
Adhyaya: | चतुःसप्तत्यधिकशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
Search other sources: | search this word on other online resources
|