Index Search for 'आसीन्मद्रेषु' |
Shloka: | आसीन्मद्रेषु धर्मात्मा राजा परमधार्मिकः । ब्रह्मण्यश्च शरण्यश्च सत्यसंधो जितेन्द्रियः ॥ |
Reference: | 3.42.277.0.5(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>द्रौपदीहरणपर्व>सप्तसप्तत्यधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#5) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | द्रौपदीहरणपर्व |
Adhyaya: | सप्तसप्तत्यधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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