Index Search for 'आसीद्राजन्कुरुक्षेत्रे' |
Shloka: | व्यास उवाच - शिलोञ्छवृत्तिर्धर्मात्मा मुद्गलः संशितव्रतः ।आसीद्राजन्कुरुक्षेत्रे सत्यवागनसूयकः ॥ |
Reference: | 3.41.246.0.3(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>व्रीहीद्रौणिकपर्व>षट्चत्वारिंशदधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#3) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | व्रीहीद्रौणिकपर्व |
Adhyaya: | षट्चत्वारिंशदधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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