Index Search for 'आसीदिदं' |
Shloka: | मातलिरुवाच -आसीदिदं पुरा पार्थ देवराजस्य नः पुरम् । ततो निवातकवचैरितः प्रच्याविताः सुराः ॥ |
Reference: | 3.35.169.0.28(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>यक्षयुद्धपर्व>एकोनसप्तत्यधिकशततमोऽध्यायः>श्लोक#28) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | यक्षयुद्धपर्व |
Adhyaya: | एकोनसप्तत्यधिकशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
Search other sources: | search this word on other online resources
|