Index Search for 'आसां' |
Shloka: | वयश्च समतीतं मे सभार्यस्य द्विजोत्तम ।आसां प्राणाः समायत्ता मम चात्रैकपुत्रके ॥ |
Reference: | 3.33.127.0.15(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>तीर्थयात्रापर्व>सप्तविंशत्यधिकशततमोऽध्यायः (127)>श्लोक#15) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | तीर्थयात्रापर्व |
Adhyaya: | सप्तविंशत्यधिकशततमोऽध्यायः (127) |
Akhyana: | |
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