Index Search for 'आसनेनोदकेन' |
Shloka: | क्षेत्राद्वनाद्वा ग्रामाद्वा भर्तारं गृहमागतम् । प्रत्युत्थायाभिनन्दामिआसनेनोदकेन च ॥ |
Reference: | 3.38.222.0.24(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>द्रौपदी-सत्यभामासंवादपर्व>द्वाविंशत्यधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#24) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | द्रौपदी-सत्यभामासंवादपर्व |
Adhyaya: | द्वाविंशत्यधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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