Index Search for 'आशंसते' |
Shloka: | आशंसते च पुत्रेषु पिता माता च भारत । यशः कीर्तिमथैश्वर्यं प्रजा धर्मं तथैव च ॥ |
Reference: | 3.37.196.0.18(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>मार्कण्डेयसमस्यापर्व>षण्णवत्यधिकशततमोऽध्यायः>श्लोक#18) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | मार्कण्डेयसमस्यापर्व |
Adhyaya: | षण्णवत्यधिकशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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