Index Search for 'आवृत्य' |
Shloka: | इतः प्रच्यवतां रात्रौ यः स तेषां महात्मनाम् ।आवृत्य मार्गं रौद्रात्मा तस्थौ गिरिरिवाचलः ॥ |
Reference: | 3.29.11.0.23(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>आरण्यकपर्व>एकादशोऽध्यायः (11)>श्लोक#23) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | आरण्यकपर्व |
Adhyaya: | एकादशोऽध्यायः (11) |
Akhyana: | |
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