Index Search for 'आलिङ्गेतां' |
Shloka: | भृगुरुवाच - ऋतौ त्वं चैव माता च स्नाते पुंसवनाय वै ।आलिङ्गेतां पृथग्वृक्षौ साश्वत्थं त्वमुदुम्बरम् ॥ |
Reference: | 3.33.115.0.23(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>तीर्थयात्रापर्व>पञ्चदशाधिकशततमोऽध्यायः (115)>श्लोक#23) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | तीर्थयात्रापर्व |
Adhyaya: | पञ्चदशाधिकशततमोऽध्यायः (115) |
Akhyana: | |
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