Index Search for 'आर्यजुष्टमिदं' |
Shloka: | आर्यजुष्टमिदं वृत्तमिति विज्ञाय शाश्वतम् । सन्तः परार्थं कुर्वाणा नावेक्षन्ते प्रतिक्रियाम् ॥ |
Reference: | 3.42.281.0.48(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>द्रौपदीहरणपर्व>एकाशीत्यधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#48) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | द्रौपदीहरणपर्व |
Adhyaya: | एकाशीत्यधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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