Index Search for 'आर्ता' |
Shloka: | ततः प्रव्यथिता भूमिर्व्यशीर्यत समन्ततः ।आर्ता स्कन्दं समासाद्य पुनर्बलवती बभौ ॥ |
Reference: | 3.37.214.0.36(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>मार्कण्डेयसमस्यापर्व>चतुर्दशाधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#36) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | मार्कण्डेयसमस्यापर्व |
Adhyaya: | चतुर्दशाधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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